Maa Jagdi ki Doli

Maa Jagdi ki Doli
Sila soud mela

Friday 21 March 2014

Jai Jwalpa Mata


Jwalpa Mata mandir and plaki
Gram sabha - Badiyar  
Patti- Hindow 
Distric - tehri gadhwal. 

Thursday 20 March 2014

Jai Cheda Devta Mandir Kholdhar Hindow






 उत्तराखंड तैं अब हौरि नि बगण दयोंला, आवा!  हम अपणी “दिल्ली” यिखि बणोंला।

 ज्वनि मा जु गै छौं, बुड्ये कि बि बौड़ी, पर ये पहाड़न आस अज्युं बि नि छोड़ी, 

हिटा जरा उब्बु खुणी,  मुरदी सांस लौटौंला, आवा!  हम अपणी “दिल्ली” यिखि बणोंला।
 बारह बरस ह्वै ग्येनि विकास पथ पर चलदा, ज्वान बुड्ये ग्येनि स्ये ताला खुल्दा-२, 

अब बगत ऐ ग्ये, हरचीं तालि खुज्योंला, आवा!  हम अपणी “दिल्ली” यिखि बणोंला।
 तुम कख-कख पौन्च्याँ, पण मि यिखि रै ग्युं, तुमरि अपन्याँस से बि, भिंडी दूर व्है ग्युं, 
अब, उत्तराखंडी होण मा अपणी सान चितौंला, आवा!  हम अपणी “दिल्ली” यिखि बणोंला।रात गै

, बात गै, कारा एक शुरुवात नै, जु ह्वै ग्ये, फुंड ढोला, अब अग्नै कि छ्वीं लगौन्ला।। देरादूण, गैरसैण, 
तु गढ़वली, मि कुमैंण, ‘बा’ अर ‘ख’ मा माटु डाला, उत्तराखंडे खैरि याँन नि मिटेंण, मिठी आमू दाणी बाँटा,

नि बाँटा कणा कर्येलों का झोंला, अब अग्नै …. जु जख च, वेकु उत्तराखंड वुखि च, 
आजै दशा बदला, अज्युं बि क्वि भै-बंद भुकि च, निवासी-प्रवासि कि बथ छोड़ा, 
सबि मिलि कि जोर अज्मौन्ला, 

By Ramlal panchola


राजकीय इण्टर कालेज मथकुड़ी सैण

मेरा गौं कु स्कूल जख बिटी पड़ि लिखी मेरा भाई बन्धु आज देश - विदेश  मा अपार तरक्की करिक अपड़ु अर गढभूमी कु नाम ऊंचु छन करणका ।

रामलाल पंचोला 

गढवाल का देव बाध्य धौंसी ।


श्री रामलाल पंचोला

गिर्दा की कविता